Maithili Jokes - मुर्ख अमर भाय....
एक महिष (भैंस) के सिंग बहुत सुन्दर आ घुमावदार रहे... एक दिन अमर भाय ओकरा देख के सोचलैथ यदि हम एही में अपन पेड़ (पांव) रैख दी ते की हेतै ???
आखिर एक दिन मुर्ख अमर भाय फैसला केलैथ... जे हेतै से हेतै... आय हम अपन पेड़ ओय में देबे टा करब.... अंततः ओ महिष के सिंग में अपन पेड़ घुसा देलैथ...
पेड़ दई के देरी की महिष फुनफुनाबैत उठल आ भागे लागल... अमर भाय महिष के सिंग में लटकल... महिष हिनका घिसया...बैत - ओंघराबैत भागल जे रहल छले.... सभ ग्रामीण देख के अबाक..... आहिरो बाप!!!! ऐना कोना भेलाई... ???
पूरा ग्रामीण के प्रयाश सँ महिष के काबू मs करल गेल.... अमर भाय झुला झुलैत - झुलैत बेहोश!!!!!!
जखन अमर भाय के होश आयल तें एक वृद्ध हुनका सँ पुछलक...
राऊ अमर ऐना जे तू महिष के सिंग में अपन टांग देल्ही.... दै सs पहिने सोचलीही नै ???
अमर भाय : हाँह!!!! अहाँ की हमरा मुर्ख बुझैत छी ??? तीन महिना सँ हम सोचैत - सोचैत तखन आय जे कs सिंग में अपन पेड़ घुसेलों.....
आखिर एक दिन मुर्ख अमर भाय फैसला केलैथ... जे हेतै से हेतै... आय हम अपन पेड़ ओय में देबे टा करब.... अंततः ओ महिष के सिंग में अपन पेड़ घुसा देलैथ...
पेड़ दई के देरी की महिष फुनफुनाबैत उठल आ भागे लागल... अमर भाय महिष के सिंग में लटकल... महिष हिनका घिसया...बैत - ओंघराबैत भागल जे रहल छले.... सभ ग्रामीण देख के अबाक..... आहिरो बाप!!!! ऐना कोना भेलाई... ???
पूरा ग्रामीण के प्रयाश सँ महिष के काबू मs करल गेल.... अमर भाय झुला झुलैत - झुलैत बेहोश!!!!!!
जखन अमर भाय के होश आयल तें एक वृद्ध हुनका सँ पुछलक...
राऊ अमर ऐना जे तू महिष के सिंग में अपन टांग देल्ही.... दै सs पहिने सोचलीही नै ???
अमर भाय : हाँह!!!! अहाँ की हमरा मुर्ख बुझैत छी ??? तीन महिना सँ हम सोचैत - सोचैत तखन आय जे कs सिंग में अपन पेड़ घुसेलों.....
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